Saturday, September 13, 2014

कौन हो तुम? सत्य या आभास

कौन हो तुम?  सत्य या आभास 
कौन हो तुम ? ताम या प्रकाश 
कहाँ हो ? सन्निकट या सुदूर 
सर्वशक्तिमान हो या हो मजबूर> 

क्यों है तुम्हारी सृष्टि में अराजकता? 
जबकि तेरी ही शिक्षा है नैतिकता 
दरिंदों में क्यों नहीं जगाते  नैतिकता ?
कैसे दयालु? छोड़ देते अबला को तड़पता 

हे सर्वशक्तिमान ! कृपालु ! दयानिधान !
यह तेरा कैसा है - 'संविधान - विधान' ? 
जगा दो प्रभु सौंदर्य - शिवत्व - नैतिकता 
फिर  देखो यही कितना सुगन्धित महकता 

डॉ जयप्रकाश तिवारी 

7 comments:

  1. " कृण्वन्तो विश्वमार्यम् ।" अर्थात् विश्व में सभी सज्जनों का निवास होगा, यही वचन उन्होंने दिया है ।
    shaakuntalam.blogspot.in

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  2. http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/09/blog-post_13.html

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  3. बहुत सुन्दर आवाहन...

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