Wednesday, July 12, 2017

तुमसे श्रेष्ठतर कौन सी कविता?

लिखे शब्द कुछ, जब भी मैंने 
शब्दों मे तेरी ही छ्वि पायी 
ढले अर्थ मे, शब्द वे जब भी 
मूरत तेरी ही, सामने  आयी,
शब्द, अर्थ चाहे जीतने सुंदर 
उन सबको ही  आभूषण पाया
शास्त्रीय शब्द हैं शील तुम्हारे
देशज मे भाव - भंगिमा पाया।

उमड़ी जब भाव शब्द की बदली 
लगा, यह केश तुमने लहराया
कौंधी जब उसमे, दमक दामिनी 
यह लगा मुझे, तूने पास बुलाया,
तुम छंद बद्ध, तुम छंद मुक्त हो
नित नित नूतन औ उन्मुक्त हो 
सोच रहा, छोड़ दूँ लिखना कविता 
तुमसे श्रेष्ठतर कौन सी कविता?



डॉ जयप्रकाश तिवारी