१ - मात्र तारीख
नहीं दो अक्टूबर
इतिहास है.
२ - दिव्य रत्न दो
प्रकटे इसी दिन
गाँधी व शास्त्री.
३ - बड़ा है कौन
वह मोहन दास
या यह गाँधी?
४ - क्या थे गाँधी
समाजसुधारक?
राजनीतिज्ञ?
५ – हाशिये पर
आज क्यों हैं गांधी जी?
चूका मोहरा.
६ - सत्य अहिंसा
ही तो था मूलमंत्र
गांधीवाद का.
७ – कहाँ है आज
विचार गांधी जी के?
सोचो तो जरा.
८ - भूल गए हैं
जो विचार उनके
अनुयायी वो.
९ – उपेक्षा ही है
बढती हुई हिंसा
गाँधीवाद की.
१० – आदर्श नहीं
दिखावा है अब तो
गाँधी दर्शन.
११ – क्या कहें इन्हें
कृतज्ञ या कृतघ्न?
“तुम्ही” बताओ!
-डॉ. जयप्रकाश तिवारी