Wednesday, October 2, 2013

२ अक्तूबर: हाइकु पुष्पमाला



१ - मात्र तारीख

नहीं दो अक्टूबर

इतिहास है.

 

२ - दिव्य रत्न दो

प्रकटे इसी दिन

गाँधी व शास्त्री.

 

३ - बड़ा है कौन

वह मोहन दास

या यह गाँधी?

 

४ - क्या थे गाँधी

समाजसुधारक?

राजनीतिज्ञ?

 

५ – हाशिये पर

आज क्यों हैं गांधी जी?

चूका मोहरा.

 

६ - सत्य अहिंसा

ही तो था मूलमंत्र

गांधीवाद का.

 

७ – कहाँ है आज

विचार गांधी जी के?

सोचो तो जरा.

 

८ - भूल गए हैं

जो विचार उनके

अनुयायी वो.

 

९ – उपेक्षा ही है

बढती हुई हिंसा

गाँधीवाद की.

 

१० – आदर्श नहीं

दिखावा है अब तो

गाँधी दर्शन.

 

११ – क्या कहें इन्हें

कृतज्ञ या कृतघ्न?

“तुम्ही” बताओ!

 


-डॉ. जयप्रकाश तिवारी