स्वागत है नव वर्ष के
उषः काल के आभा का
उगते हुए अंशुमाली का,
गगन मे उगते हुए,
रुपहली सी प्रथम लाली का.
स्वागत है नव वर्ष के
शांत -शीतल पवन का,
सुरभित - सुगन्धित झोंकों का,
प्राण दायी झरने, नदियों के
वर्फ से ढके उदगम स्रोतों का.
स्वागत है प्रभात कालीन
परिंदों के सामूहिक कलरव का.
धुँध सी छाई कहीं हल्की
कहीं घनीभूत सी लहराते इस
सलोनी प्रकृति के दुपट्टे का.
अवागत है नव वर्ष में
सत्कर्म - सन्मार्ग पर
कदम बढाने वाले पथिक का.
देश हित में, लोक हित में
जुटे धीर - वीर महामानव का.
वंदन है - नव वर्ष में
उन चिंतकों का, शिक्षकों का,
भ्रष्टाचार -अनाचार के विरुद्ध
भिड़ने की संकल्प दिलानेवाले
माँ का, पिता का, सद्गुरु का..