माँ! आज तुम्ही यह बतलाओ,
मन की उलझन तुम सुलझाओ.
मन सोच - सोच के हार गया,
'काव्य' यह मेरे समझ न आया.
कविता क्या है?
क्या है कविता-
एक उपासना?
कविता साध्य है
या साधना?
कविता लक्ष्य है
या आराधना?
कविता यथार्थ है
या भावना?
कविता बोध है
या संभावना?
कविता अश्रुधार है
या अभिव्यक्ति?
कविता उच्छ्वास है
या आभ्यंतरशक्ति?
कविता प्रणय है या
समर्पण और भक्ति?
कविता कोलाहल है
या पूर्ण संतृप्ति?
कविता हलाहल है
या जीवन का वरदान?
कविता अंतर की शांति है
या अतृप्त अरमान?
कविता सन्देश है,
प्रदर्शन है या अभिमान?
कविता निजत्व का
विलोपन है या पहचान?
कविता उत्साह है
या बहकता एक उमंग?
कविता एक धार है
या उठती हुई तरंग?
कविता एक विकार है
या जीवन का रंग?
कविता भौतिकता है
या एक सत्संग?
कविता.
कृति है मानव की,
फिर मानव है
कृति किसकी?
मानव.
सृष्टि की कविता है;
सृष्टि यह.
कविता है किसकी?
-डॉ. जय प्रकाश तिवारी