Saturday, May 21, 2011

प्रेम पाथेय


बात यहाँ प्रेम की है मित्र !  -  भटक जाओगे.
अक्षरों को मत पकड़ना     -  बहक जाओगे.
शब्दों को मत पकड़ना      - ठिठक जाओगे.
भाषा को मत पकड़ना       - डूब जाओगे.
लिपि को मत पकड़ना     -  पिघल जाओगे.
इसके अर्थ को पकड़ना     -  संभल जाओगे.
निहितार्थ को पकड़ना      -  दौड़ जाओगे.
इसके भाव में डूबना        -   तर जाओगे.
 
 
तैरने की कोशिश न करना   -  गच्चा खाओगे.
डूबने की कोशिश न करना   -  उछल जाओगे.
कभी संदेह मत करना       -   मिट जाओगे.
विश्वास को मत तोड़ना     -    पा जाओगे.
त्याग को मत छोड़ना       -   छा जाओगे.
समर्पण को मत छोड़ना     -   बदल जाओगे.
नाम - ग्राम - रंग - रूप    -  सब भूल जाओगे.
प्रेम का पाथेय लेकर       -  प्रेमरूप बन जाओगे.
बात प्रेम की है मित्र !   -   खुद प्रेम बन जाओगे.