Thursday, September 26, 2013

कुछ हाइकु बेटियों के नाम

१ - कौन समझे
    
     माँ-बाप का दरद
    
     बेटी के बिना
 
 
२ - रोशन करे
 
      दोनों ही कुल को जो
 
      बेटी है वह
 
 
३ - बेटियाँ शान
 
      सँवारे दोनों कुल
 
      संस्कार यह
 
 
४ - साकार करे
 
     स्वप्न परिवार का
 
     बेटी ही वह
 
 
५ - मर जायेगी
 
     संवेदनशीलता
  
     बिन बेटी के
 
 
६ -  कौन कहता
 
      लडकियां दुर्बल?
 
     जूझ के देख
 
 
७ - बगिया यह
 
     हरी-भरारी रहती
 
    बेटी से ही
 
 
८ -  घर महके
 
     बेटी और बहु से  
 
    अब दो कहाँ?
 
 
९ -  तोड दो हाथ
 
      दमनकारी है जो
     
       रक्षक तुम.
 
 
१० - मान लो अब  
 
      भेद न कोई अब
 
      बेटा - बेटी में.  
 
 
डॉ. जयप्रकाश तिवारी