Monday, July 11, 2016

दर्द की परिभाषा

दर्द  है -
भाव वाचक संज्ञा 
नपुंसक लिंग 
जिसके अनेक रूप 
अनेकशः भाषा 
परन्तु क्या है 
दर्द की परिभाषा ?

दर्द की भाषा 
दर्द की परिभाषा 
कितनी विचित्र 
जितनी सूक्ष्म 
उतनी ही व्यापक 
जितनी कोमल 
उतनी ही घातक 
जितना क्रूर क्रूर 
उतनी आराधक। 

दर्द 
तीव्र अनुभूति है 
उसी में प्यास 
उसी में तृप्ति है 
दर्द ही सौंदर्य 
दर्द ही विकृति है 
सम्पूर्ण जगत 
प्रेम और दर्द 
की ही कृति है। 

डॉ जयप्रकाश तिवारी