Sunday, January 29, 2012

माँ शारदे से प्रश्न




माँ! आज तुम्ही यह बतलाओ,
मन की उलझन तुम सुलझाओ.
मन सोच - सोच के हार गया,
'काव्य' यह मेरे समझ न आया.

कविता क्या है?
क्या है कविता- 
एक उपासना?
कविता साध्य है 
या साधना?
कविता लक्ष्य है 
या आराधना?
कविता यथार्थ है 
या भावना?
कविता बोध है 
या संभावना?

कविता अश्रुधार है 
या अभिव्यक्ति?
कविता उच्छ्वास है 
या आभ्यंतरशक्ति?
कविता प्रणय है या 
समर्पण और भक्ति?
कविता कोलाहल है 
या पूर्ण संतृप्ति?

कविता हलाहल है 
या जीवन का वरदान?
कविता अंतर की शांति है 
या अतृप्त अरमान?
कविता सन्देश है, 
प्रदर्शन है या अभिमान?
कविता निजत्व का 
विलोपन है या पहचान?

कविता उत्साह है 
या बहकता एक उमंग?
कविता एक धार है 
या उठती हुई तरंग?
कविता एक विकार है 
या जीवन का रंग?
कविता भौतिकता है 
या एक सत्संग?

कविता. 
कृति है मानव की,
फिर मानव है 
कृति किसकी?
मानव. 
सृष्टि की कविता है;
सृष्टि यह. 
कविता है किसकी?
              
          -डॉ. जय प्रकाश तिवारी

13 comments:

  1. कविता.
    कृति है मानव की,
    फिर मानव है
    कृति किसकी?
    मानव.
    सृष्टि की कविता हैय
    सृष्टि यह.
    कविता है किसकी?

    दार्शनिकता से ओत-प्रोत उत्कृष्ट रचना।

    ReplyDelete
  2. कविता.
    कृति है मानव की,
    फिर मानव है
    कृति किसकी?
    मानव.
    सृष्टि की कविता हैय
    सृष्टि यह.
    कविता है किसकी?

    दार्शनिकता से ओत-प्रोत उत्कृष्ट रचना।

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  3. सोचने पर विवश करती ..आखिर कविता है क्या ? बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..


    मानव
    मन के उच्छ्वास को
    शब्दों में पिरो
    विचारों को साध कर
    अनुभव के हलाहल को पी
    अश्रु की स्याही से
    उकेर देता है
    अपनी भावनाओं को
    और हो जाता है
    सृजन कविता का
    फिर भावनाएं
    निजत्व से निकल
    विश्वत्व की ओर
    कर जाती हैं प्रस्थान .

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  4. कविता सार है - मानो तो गीता , पूरा जीवन

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  5. कविता भाव हैं ....और शब्द उसका रूप

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  6. कविता केवल कविता है..मन के भावों की अभिव्यक्ति..बहुत गहन चिंतन...आभार

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 30-01-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  8. मूल्यवान प्रश्न हैं। हमारी समझ की सीमा हो सकती है परंतु उत्सुकता की कोई सीमा नहीं है।

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  9. वाह ..बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  10. हे कविते! तुझे नमन!
    तू क्या है तू ही जाने!

    सुन्दर प्रस्तुति!

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  11. बहुत सुन्दर प्रस्तुति|

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  12. कविता जीने की एक ललक है ... ये जीवन भी तो एक कविता ही है ...
    सुन्द्स्र प्रस्तुति है आपकी ...

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  13. Thanks to all visitors, proper regards for their valuable comments.

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