जलाओ दिए पर, रहे ध्यान उनका,
सीमा से लौट के, जो घर को न आये.
किया था जो वादा, हम अबकी जो आये.
गले में तेरे हार, अबकी पहनाएंगे हम.
उसने पूरा किया, अपना वादा वह निभाया.
गले धर्मपत्नी के, 'परमवीर चक्र' पहनवाया.
झुकाती रही थी बीबी सिर, अब तक सभी को.
आज पूरे देश ने, झुककर शीश उसको नवाया.
यूँ पूरा किया, अपना वादा भी निभाया.
निभाया वह सब कुछ, बस लौट के न आया.
तुम जलाना एक दिया, ऐसे वीरों के नाम.
होगी यह एक कृतज्ञता, शहीदों के नाम.जलाना एक दिया, उन बेनामों के भी नाम.
हमारी आजादी के लिए, अपना सब कुछ मिटाया.
हमारे स्नेह का एक दीप, यह समर्पित है उन्हें.
हमारे प्रेम का एक दीप, यह अर्पित है उन्हें.
हमारे ये श्रद्धा-सुमन, पहले उन्ही को अर्पित.
हे राष्ट्र नायक! यह तन - मन तुम्हे समर्पित.
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