Saturday, July 24, 2010

बाल गंगाधर तिलक को भावभीनी श्रद्धांजलि.


बाल = बाल हनुमान रूप जिसने अंग्रेजी राज्य के सूर्य को निगल लिया.
गंगाधर = गंगा को धारण करनेवाले शिव का रूद्र रूप, जिनके तीसरे नेत्र से स्वतंत्रता की ऐसी ज्वाला फूटी जिसमे अंग्रेजी राज्य भस्म हो गया.
तिलक = उस स्वतंत्रता की भस्म को हम चन्दन / रोली मानकर माथे पर धारण कर रहें है. यह है स्वतंत्रता की मशाल बाल गंगाधर तिलक के नाम और व्यक्तित्वा कप्रभाव. उनके जन्म दिन पर नमन, वंदन और भावभीनी श्रद्धांजलि.

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