Monday, March 5, 2012

कितना कठिन है उठ पाना....




कितना कठिन है 
बन पाना आज? 
किसी का विश्वासपात्र, 
और विश्वस्त.
कितना कठिन है,
होना - आत्मस्थ?
कितना कठिन है
ऊपर उठ पाना,
अहं और इदं से.
त्वं और वयं से?

पूछते हैं उनसे ही जिसने
देखा है हमारी पीढ़ियों को.
हे गाँव के दादा, परदादा!
हे वन्दनीय, बूढ़े अश्वत्थ! 
कितने मानते तुम्हे विश्वस्त?
तुम देते सबको प्यार - दुलार,
तेरी छाँव बैठ सब पाते प्यार.
तुम तो साक्षी हर पंचायत का.
घर-घर के झगड़े, मनोभावों का.

देखा है मैंने आज 
आरी पर धार रखाते.
कुछ ऊँगली तेरी ओर उठाते.
विहँसा, वह बूढा अश्वत्थ.
तुम भावुक हो और भोले हो.
घर - घर की यही कहानी है.
हर बुजुर्ग की यही कहानी है.
ऊँगली उनपर ही उठता है,
हर पेड़ पुराना कटता है.

रोया नहीं कभी काटने पर,
हाँ, रोया हूँ , 
कोई हरा पेड़ जब कटता है.
नहीं बचा, मानव में साहस-धैर्य.
सच कहने और सुन पाने का.
बन गयी है यह दुनिया की रीति.
अपना दोष, दूजे पर मढ़ जाने का.

गम नहीं मुझे कट जाने का,
मैंने अपना कर्त्तव्य निभाया है.
देखो!  तुम सा प्यारा पौधा,
अपनी जगह उगाया है....
इसे तुम्हे सौपता हूँ मैं आज.
जीवन इसका तुम्हे बचाना होगा,
दिया जो वचन, निभाना होगा.
      - डॉ. जय प्रकाश तिवारी 

8 comments:

  1. गम नहीं मुझे कट जाने का,
    मैंने अपना कर्त्तव्य निभाया है.
    देखो! तुम सा प्यारा पौधा,
    अपनी जगह उगाया है....
    इसे तुम्हे सौपता हूँ मैं आज.
    जीवन इसका तुम्हे बचाना होगा,.. यह आत्मशक्ति है ... और हर विपरीत परिस्थिति में यही उठना आसान करती है

    ReplyDelete
  2. बहुत ओजस्वी वक्तव्य!

    ReplyDelete
  3. Rashmi ji,
    Anita ji

    Thanks for your kind visit and valuable comments.

    ReplyDelete
  4. सुन्दर संदेश देती उत्तम कृति।

    ReplyDelete
  5. धन्यवाद, वंदना जी!
    आभार पधारने और प्रेरक टिप्पणी के लिए.

    ReplyDelete
  6. कितना कठिन है
    ऊपर उठ पाना,
    अहं और इदं से.
    त्वं और वयं से?...

    होली के अवसर पर ... मैं शपथ पूर्वक घोषणा करता हूँ की मई ... प्यार की पिचकारी में कभी छेद नहीं करूंगा
    होली रंगों से भरा हो

    मेरे भी ब्लॉग पर होली खेलने आयें /

    ReplyDelete
  7. बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन प्रेरक रचना,...
    तिवारी जी,..आपका फालोवर बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी,....
    होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए,.....

    NEW POST...फिर से आई होली...
    NEW POST फुहार...डिस्को रंग...

    ReplyDelete
  8. Babban Pandey ji,
    Dhirendra ji

    Thanks for visit and creative comments.

    ReplyDelete