सुना है -
सितारों के भी आगे
आकाश गंगा में बसा हुआ
एक संसार और भी है,
जहां अशुभ और पाप का
अनाचार और भ्रष्टाचार का
नामोनिशान भी नहीं.
यदि है
ऐसा कुछ तो
जायेंगे एक बार जरूर.
यही देखने के लिए,
परखने के लिए.
जानता हूँ,
लौटकर वापस
फिर यहीं आना है,
इसी धरती पर,
अपने इसी देश में.
क्योकि
कलुषित मन और
दूषित तन का
नहीं है वहाँ गुजारा.
लेकिन,
रुकना भी किसे है वहाँ?
हमें तो केवल जानना है -
वह सूत्र, वह सिद्धांत,
वह कर्म, वह धर्म, वह मर्म.
जिसके कारण वहाँ ऐसा है.
उस सूत्र को,
उस सिद्धांत को
आजमाएंगे,अपनाएंगे,
पूरे विश्व में फैलायेंगे.
और इस जहां को ...
अपनी मातृभूमि को,
उस जहां से भी
सुन्दर बनायेंगे.
सितारों के भी आगे
आकाश गंगा में बसा हुआ
एक संसार और भी है,
जहां अशुभ और पाप का
अनाचार और भ्रष्टाचार का
नामोनिशान भी नहीं.
यदि है
ऐसा कुछ तो
जायेंगे एक बार जरूर.
यही देखने के लिए,
परखने के लिए.
जानता हूँ,
लौटकर वापस
फिर यहीं आना है,
इसी धरती पर,
अपने इसी देश में.
क्योकि
कलुषित मन और
दूषित तन का
नहीं है वहाँ गुजारा.
लेकिन,
रुकना भी किसे है वहाँ?
हमें तो केवल जानना है -
वह सूत्र, वह सिद्धांत,
वह कर्म, वह धर्म, वह मर्म.
जिसके कारण वहाँ ऐसा है.
उस सूत्र को,
उस सिद्धांत को
आजमाएंगे,अपनाएंगे,
पूरे विश्व में फैलायेंगे.
और इस जहां को ...
अपनी मातृभूमि को,
उस जहां से भी
सुन्दर बनायेंगे.
सुंदर भाव!
ReplyDeleteउस सिद्धांत की कूंजी की खोज मेम उठा पहला कदम ‘उसके’ पास पहुंचने का,मार्ग प्रशस्त करता है।
ReplyDeletesitaro ke us paar bhi ek sansaar hai... bhaut hi sundar aur khubsurat bhaav....
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