यूनेस्को के द्वारा प्रतिवर्ष नवम्बर के पहले तीसरे गुरूवार को दर्शन दिवस मनाया जाता है। इस दिन यह मौका 18 नवम्बर को पड़ रहा है। इस मौके पर दर्शन के गंभीर और महत्वपूर्ण सवालों पर सारी दुनिया में और खासकर यूनेस्को के पेरिस स्थित मुख्यालय में विचार विमर्श होने जा रहा है।
दर्शन दिवस के अवसर पर, आज आप सभी से अपने मन की बात करना चाहता हूँ. जब मैंने ब्लॉग जगत में प्रवेश किया और अपने ब्लॉग का नाम 'विज्ञानं प्रज्ञान' रखा तो उसके पीछे एक सोची समझी नीति और विचार यह था कि विज्ञान और अध्यात्म के बीच सहमति और सामंजस्य पूर्ण विन्दुओं की खोज की जाय साथ ही साथ उस महीन रेखा को भी अनावृत किया जाय जो इसे दो अलग-अलग विधाओं में बांताकी है. लेकिन वह ब्लॉग अब 'प्रज्ञान-विज्ञान विविधा' बन कर रह गया है इसमें परिचर्चा को मिलाना ठीक नहीं होगा.. इस लिए अब एक नए ब्लॉग "प्रज्ञान विज्ञानं परिचर्चा' का सृजन किया जा रहा है जो अपने निर्धारित उद्देश्य की पूर्ति करेगा. इस ब्लॉग पर इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं होगा. इस क्रम में प्रथम परिचर्चा २०वी शताब्दी के अपने-अपने क्षेत्र की दो महान विभूतिया भारतीय दार्शनिक और कवि रबिन्द्र नाथ टैगोर और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टीन के बीच होगी. उनके मध्य हुयी परिचर्चा का हिदी रूपांतरण 'प्रथम अंक' में प्रकाशितहोगा. बाद के एपिसोड्स में विज्ञान के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. रामू (रोमिओ) और आचार्य जी (दोनों कल्पित पात्र ) के मध्य उद्देश्यपरक परिचर्चा होगी. जो एक विन्दु को उठाकर क्रमशः सुतर्क करते हुए एक दूसरे को समझने का प्रयास करेंगे. यह परिचर्चा बहुत रोचक और तथ्यपूर्णहोगी. ..और इसकी उपयोगिता के बारे में तो आप लोग ही बताएँगे .प्रत्येक सोमवार को यह परिचर्चा प्रकाशित होगी. पाठको / समीक्षकों के भी विचारों का यथासंभव परीक्षण / समायोजन करने का प्रयास किया जायेगा.
हमें पूर्ण विश्वास है की आप सभी सम्मानित पाठको और समीक्षकों का सहयोग, समीक्षा और प्यार पूर्व की भाति मिलता रहेगा.
आदरणीय डा .सा :,
ReplyDeleteबहुत -बहुत बधाई आपके आने वाले नए ब्लॉग के लिए एवं हम आपके इस प्रयास की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं करते हैं .
Very nice post !
ReplyDeleteमाथुर साहब & ZEAL ji
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार उत्साहवर्द्धन हेतु. कृपया सोमवार की प्रतीक्षा करे. मै समझता हूँ वहा बहुत कुछ ऐसा मिलेगा जिसे आप तलाश रहे हैं.
प्रणाम,
ReplyDeleteअपने ब्लॉग पर आपके द्वारा की गयी टिपण्णी देखकर मन प्रसन्न हो गया और मेरे भीतर आपके आशीर्वाद से एक नए उत्साह का संचार हुआ, आपके मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद के लिए सादर आभार !!
जैसे हमें इस ब्लॉग से और आपकी लेखनी से बहुत कुछ जानने का अवसर मिलता है उसी प्रकार आशा ही नहीं वरन विश्वास है की नए ब्लॉग में भी अनेक ज्ञानवर्धक जानकारियां प्राप्त होंगी, मुझे आपके ब्लॉग की प्रतिक्छा रहेगी......
गौरव
नए ब्लॉग के लिए हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय तिवारी जी ...
ReplyDeletenaye blog ki safalta ki shubhkaamna.
ReplyDeletemujhe vishwaas hai ye hame nayi baato se saraabor karega hi.
Rajesh Kumar..
http://swarnakshar.blogspot.com/
Hamara namskar svikar karei naur apne ashirvachan se mere blog par aakar eks undar comment dene ki kripa karein.Achha post.Badhai.
ReplyDeleteThanks to all participants for their valuable comments.
ReplyDelete