Friday, November 28, 2014

सम्बन्ध कवि-कविता का

 
कविता  कवि  की  आत्मजा  है
उसे  रचता  पोषित  करता है 
कविता  कवि  की  जननी  है
कवि का व्यक्तित्व निखरती है 
दोनों  पूरक  हैं  एक  दूजे  का
एक  दूजे  को खूब  सवारते  हैं 
एक  दूजे  से  हैं अस्तित्वमान
एक दूजे से ही है उनकी पहचान 
विचित्र सम्बन्ध कविता कवि में
अद्भुत सा दोनों का यह रिश्ता है
दीखता नहीं लौकिक जगत में
ऐसा अलौकिक सा यह रिश्ता है 

डॉ जयप्रकाश तिवारी