pragyan-vigyan
Saturday, May 18, 2019
हाँ बुद्ध अभी भी हैं बद्ध,
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हाँ बुद्ध अभी भी हैं बद्ध, हुए न अब तक मुक्त नहीं हुआ पूरा संकल्प इसीलिए हैं अभिशप्त. दुःख निरोध नहीं आसान, वैश्विकस्तर से बड़ा है काम ...
Friday, July 27, 2018
अंतर पतंग और पतंगे मे
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एक पतंग और पतंगे मे बस अंतरप केवल इतना है एक नियम बद्ध उड़ती है दूजा हो स्वछंद उड़ता है स्व को स्वतंत्र समझता है जा कर लौ मे झ...
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Thursday, July 26, 2018
कविता का सन्देश
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कविता सन्देश अन्तः का पहुंचाती है जन-जन तक कविता होती है विधि सापेक्ष; विधि निरपेक्ष , कुछ उसी तरह जैसे विधि ही है सापेक्ष,निरपेक्ष. क...
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Tuesday, February 6, 2018
कौन, किसने डाला डेरा?
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पाकर मुझे नितांत अकेला यह कौन, किसने डाला डेरा? छू-छूकर मेरे तन-बदन को वासंती हवाएँ गुदगुदा रही हैं उनको क्या मालूम कि मेरे दिल का दर्द व...
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Saturday, February 3, 2018
मैं और मेरा जीवन
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जीवन सुख दुख का मिश्रण खट्टा - मीठा एक घोल सा सरल- शांत - घट - मोम सा॰ हमी बनाए गरल हैं, इसको यह जल है, मेघ है, व्योम सा. खोलना चा...
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Sunday, January 28, 2018
तूने जिंदा कवि को मार दिया
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हाँ, कविताओं को मैं पढ़ता हूँ और कविता भी मैं लिखता हूँ कवि की चाह, पढें सब कविता डरता हूँ, कविता पढे न कविता, ठन जाएगी, कविता-कविता में ...
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Tuesday, January 9, 2018
मैं और मेरा जीवन
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जीवन सुख दुख का मिश्रण खट्टा - मीठा एक घोल सा सरल- शांत - घट - मोम सा॰ हमी बनाए गरल हैं, इसको यह जल है, मेघ है, व्योम सा. खोलना चाहोगे, खु...
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