tag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post5754763886962492360..comments2023-09-19T15:06:11.658+05:30Comments on pragyan-vigyan: शिक्षा द्वारा राष्ट्रीय पुनर्निर्माण : वैश्विक संदर्भ मेंDr.J.P.Tiwarihttp://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-56820822827954945422010-03-15T11:47:42.884+05:302010-03-15T11:47:42.884+05:30भाई साहब, मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ. इसी...भाई साहब, मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ. इसी कमी को दूर करने का अपनी तरफ से प्रयास कर रहा हूँ. आप जैसे लोगों का सहयोग, सुझाव समर्थन मिलता रहेगा तो आगे भी कार्य करने कि प्रेरणा, ऊर्र्जा मिलती रहेग. सुझाव और समीक्षा के लिए बुत बहुत आभार.. फिर मिलेंगेDr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-51412706746704252912010-03-14T12:08:42.806+05:302010-03-14T12:08:42.806+05:30जिस सरकार में अपने देश के नागरिक, शासन-प्रशासन में...जिस सरकार में अपने देश के नागरिक, शासन-प्रशासन में अपने देश के नागरिक, प्रबंधन - व्यवस्थापन - अधिकारी - कर्मचारीगण, सभी देश के नागरिक; फिर भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं, ऐसा क्यों? हमें इसपर विचार करना होगा....<br /><br />भारतीय दर्शन और साहित्य को केवल धर्म की चारदीवारी से बाँध दिया गया है. वैज्ञानिक होते हुये भी इनका वैज्ञानिक-विश्लेषण नहीं किया गया. यही कारण है कि धर्म में पाखण्ड बढ़ता जा रहा है और प्रगति के लिए दुसरे देशों का मुहं ताकना पड़ता है<br />....लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से<br />http://laddoospeaks.blogspot.com/कृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.com