tag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post4013734632585149639..comments2023-09-19T15:06:11.658+05:30Comments on pragyan-vigyan: काव्य परिचर्चाDr.J.P.Tiwarihttp://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-17827883593821161542012-02-18T17:48:01.069+05:302012-02-18T17:48:01.069+05:30हाँ, सत्य कहा आपने. ब्रह्म सत्य है और इसी सत्य की ...हाँ, सत्य कहा आपने. ब्रह्म सत्य है और इसी सत्य की ह्रदय से होने वाली अभिव्यक्ति तो काव्य है.सारा घाल मेल यह मन और मष्तिष्क करते है जब बौध्हिक कौशल और अर्तोपर्जन को किसी न किसी बहाने उससे जोड़ देते हैं. आभार आपके पदार्पण और मुल्वान टिप्पणीका.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-51634345680635059442012-02-18T17:27:24.461+05:302012-02-18T17:27:24.461+05:30ह्रदय तो परमात्मा का
अगार है, शब्द ब्रह्म है... औ...ह्रदय तो परमात्मा का <br />अगार है, शब्द ब्रह्म है... और जो ब्रह्म है वह सत्य हैरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com