tag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post1046363585926640081..comments2023-09-19T15:06:11.658+05:30Comments on pragyan-vigyan: विखर रहा: 'देश-परिवारDr.J.P.Tiwarihttp://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-75048619115488175072011-03-05T08:33:23.704+05:302011-03-05T08:33:23.704+05:30Thanks to all participants for kind visit and valu...Thanks to all participants for kind visit and valuable comments.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-86582271294923313722011-03-02T09:16:02.034+05:302011-03-02T09:16:02.034+05:30ब्लाग की सालगिरह पर बधाईब्लाग की सालगिरह पर बधाईअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-11532408810001840502011-03-01T19:30:36.827+05:302011-03-01T19:30:36.827+05:30रचना बहुत गहरा प्रभाव छोड़ती है तिवारी जी ... सार्...रचना बहुत गहरा प्रभाव छोड़ती है तिवारी जी ... सार्थक रचना के लिए बधाई स्वीकारें ..Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-42989184760942582302011-03-01T12:07:50.345+05:302011-03-01T12:07:50.345+05:30सुन्दर रचना
कुछ परिवर्तन लाना है गर हमको
शुरुआत ह...सुन्दर रचना<br /><br />कुछ परिवर्तन लाना है गर हमको<br />शुरुआत हमीं को करनी हैMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-19911102664722339772011-03-01T08:38:44.134+05:302011-03-01T08:38:44.134+05:30.
डॉ तिवारी ,
जब सुना करती थी की - 'सबसे बड़....<br /><br />डॉ तिवारी ,<br /><br />जब सुना करती थी की - 'सबसे बड़ा रुपया' , तब इतना गंभीरता से नहीं लिया था कभी इस वक्तव्य को । लेकिन अब लगने लगा है की यह सच है। धन में जोड़ने से ज्यादा तोड़ने की शक्ति है । खासकर रिश्तों को । धन की ताकत बड़े बड़ों को नचा रही है कनिष्ठिका पर ।<br /><br />एक वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में ढेरों बधाई । आपकी ख़ुशी में हम पूरे दिल के साथ शामिल हैं। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-30512184736785197512011-03-01T05:59:50.555+05:302011-03-01T05:59:50.555+05:30एकदम सटीक रचना!!एकदम सटीक रचना!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-52473932724675312072011-03-01T02:26:58.760+05:302011-03-01T02:26:58.760+05:30धन के नशे ने सब को मतवाला कर रखा है....जिसके पास ह...धन के नशे ने सब को मतवाला कर रखा है....जिसके पास है वो नशे में है...जिसके पास नहीं है वो इसके चक्कर में पडा हुआ है....<br />बिहारी ने तो कह ही रखा है:<br />.......वा पाए ही बौराय........Rajesh Kumar 'Nachiketa'https://www.blogger.com/profile/14561203959655518033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-51176285583370374762011-02-28T23:34:26.040+05:302011-02-28T23:34:26.040+05:30धन का नशा अब छाने लगा है.
रिश्तों को भी ठुकराने लग...धन का नशा अब छाने लगा है.<br />रिश्तों को भी ठुकराने लगा है<br />बिल्कुल सही ... बहुत प्रासंगिक विचार हैं इस रचना..... प्रभावी अभिव्यक्ति..... आभार डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-34600566732086330692011-02-28T21:08:35.441+05:302011-02-28T21:08:35.441+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 01-03 - 2011<br />को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..<br /><br />http://charchamanch.uchcharan.com/संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-38045686953448256292011-02-28T21:06:02.026+05:302011-02-28T21:06:02.026+05:30जो भी हो धन - दौलत मन को शांति नहीं दे सकता...हम त...जो भी हो धन - दौलत मन को शांति नहीं दे सकता...हम तो धन वाले के हस्र देख ही रहे है...समय से पहले और किस्मत से ज्यादा कुछ हो ही नहीं सकता ....आज के दौर का जीता- जागता स्वरुप प्रस्तुत करने का आभार....G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-26234850646745762472011-02-28T19:57:33.373+05:302011-02-28T19:57:33.373+05:30विचारोत्तेजक प्रस्तुति।
साल पूरा करने पर बधाई और श...विचारोत्तेजक प्रस्तुति।<br />साल पूरा करने पर बधाई और शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-71612051771570951092011-02-28T19:08:39.786+05:302011-02-28T19:08:39.786+05:30बहुत सटीक अभिव्यक्ति आज की व्यवस्था पर जहां पैसा ह...बहुत सटीक अभिव्यक्ति आज की व्यवस्था पर जहां पैसा ही सब कुछ है..बहुत सुन्दर और भावपूर्ण ..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-49444450732245292672011-02-28T17:32:17.554+05:302011-02-28T17:32:17.554+05:30मित्रों,
आज २८ फ़रवरी को मेरे ब्लॉग-जीवन का एक वर्...मित्रों,<br />आज २८ फ़रवरी को मेरे ब्लॉग-जीवन का एक वर्ष पूर्ण हुआ. जब हम इस एक वर्ष के जीवन का आकलन करतें है तो पाते है कि इस ब्लॉग ने मुझे बहुतकुछ दिया. और ब्लॉग है कौन-आप ही लोग और कौन? पहले तो मैं एकदम अह्जन था ब्लोजगत से, अ ब स द भी नहीं जनता था बेटे ने ब्लॉग बना और पहली रचना के लिए उस आर्टिकिल को पोस्ट किया जिसे एक मासिक पत्रिका 'युग गरिमा' में गुरु नानक जन्म दिवस के लिए लिखा था. फिर तो जो यात्रा शुरू हुई वह अनवरत चल रही है., एक पाठक और एक ब्लोगर के रूप में. मेरे ब्लॉग पर पहला कमेंट्स जिसका आया वह है वंदना नायर आस्ट्रेलिया से. पहली रचना 'जीवन क्या है' को चर्च्मंच में स्थान देने वाली चर्चाकार का नाम है- 'श्रीमती वंदन गुप्ता' है. इस एक वेश में कुल १४४ (144) रचनाये पोस्ट करने का अवसर प्राप्त हुआ. मुझे सुधार करना पडेगा इस कथन में. मुझे कहना चाहिए ब्लॉग के आकर्षण औए संवेदनशील रचनाकारों की संगती ने मुझसे करीब १४० नयी रचनाओं का श्रीं करा लिया. इसका पूरा-पूरा श्रेय ब्लॉग जगत को है. एक वेश कि पूर्णता पे जो कुछ परवर और राष्ट्र के बारे में अनुभव किया वही आज पासित है. काल १ मार्व्ह को मेरा प्रथम ब्लॉग जन्म वर्ष है. सभी ब्लोगर बंधुओं को उनके सहयोग समर्थन और प्रेरणा के लिए आभार, उनका वंदन और नामा इस विश्वास के साथ कि अगले वर्ष भी ऐसे ही आपका स्नेह प्यार और समर्थन मिलता रहेगा.<br /> <br />सादर<br />जय प्रकाश तिवारीDr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-18598455719959138812011-02-28T14:53:48.954+05:302011-02-28T14:53:48.954+05:30आज के समाज का सटीक दृश्य रख दिया है ...रिश्ते बिखर...आज के समाज का सटीक दृश्य रख दिया है ...रिश्ते बिखर रहे हैं ...चिंतन करने वाली रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-40562561958144191382011-02-28T13:00:50.770+05:302011-02-28T13:00:50.770+05:30प्रभावशाली रचना ! लेकिन असलियत खुलते देर नहीं लगती...प्रभावशाली रचना ! लेकिन असलियत खुलते देर नहीं लगती धन को ही पूजने वाले अंत में खाली हाथ ही रह जाते हैं !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6518481384405784783.post-65536820549175100672011-02-28T12:52:58.982+05:302011-02-28T12:52:58.982+05:30जब विचारों का क़त्ल और धनिकों की पूजा होगे तो यही स...जब विचारों का क़त्ल और धनिकों की पूजा होगे तो यही सब होगा ही.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.com